Wednesday, June 4, 2014

हाल ही में समाचार पत्रों के द्वारा ये खबर मिली कि इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर, दिल्ली में प्रधानमंत्री के स्वागत को लेकर इसके सदस्यों में गंभीर मतभेद पैदा हो गए हैं। कुछ चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी का स्वागत न किया जाए और कुछ उनका स्वागत करने का समर्थन कर रहे हैं। मेरे विचार में ये बात भारतीय मुसलमानों के हित में है कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी को न बुलाएं, कोई हर्ज नहीं, लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें बुलाना चाहिए। ये पूरी तरह स्वीकार कर लीजिए कि कम से कम उन्हें पांच वर्षों तक तो प्रधानमंत्री रहना ही है, लेकिन हो सकता है कि बेहतर प्रदर्शन के आधार पर पांच साल का और मौका भी उन्हें मिल जाए। हर दौर की मान्यताओं के दर्पण में विचार करें कि क्या इतने लंबे अर्से तक मुसलमान उनका विरोध करते रहें? और क्या ये बॉयकाट मिल्लते इस्लामिया के हित में है?



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