Tuesday, June 17, 2014

(सल्ल0) के अलावा 24 और पैगंबर का जिक्र है। इन पैगंबर की सूची में हजरत ईसा मसीह (अलैहे0) का नाम सबसे प्रमुखता से आता है। कुरान में कम से कम 25 बार ईसा (अलैहे0) का उनके नाम से वर्णन आता है। एक मुसलमान के लिये यह अनिवार्य है कि वो हजरत ईसा मसीह (अलैहे0) के प्रति पूर्ण श्रद्धाभाव रखे। इसलिये हर मुसलमान हजरत ईसा (अलैहे0) का नाम सम्मानसूचक शब्द अलैहिस्सलाम के बिना लेना पसंद नहीं करता। ईसा मुसलमानों के लिये इसलिये भी श्रद्धा के पात्र है क्योंकि उन्होंने अपने ऊपर अवतरित किताब में हजरत मोहम्मद (सल्ल0) के आगमन की शुभसूचनायें दी है। इस्लाम के इस बरगुजीदा पैगंबर (सल्ल0) का संबंध भी पवित्र भारतभूमि से रहा है। सैकड़ों अनुसंधानकर्ताओं ने इस तथ्य की पुष्टि की है कि हजरत ईसा (अलैहे0) के जिंदगी के कई साल भारत में गुजरे थे। और यहां हिमालय की पवित्र कंदराओं में उन्होंनें साधनायें भी की थी ! हजरत ईसा (अलैहे0) का संबंध हिंदुस्तान से रहा होगा इसकी सबसे ठोस वजह यह है कि बाईबिल का उत्तर भाग नया नियम (जिससे हजरत ईसा (अलैहे0) के बारे में जानकारी मिलती है) उनके जिंदगी के 13 वें साल से तीसवें साल तक बीच के बिताये गये दिनों के बारे में पूर्णतया खामोश है। मत्ती रचित सुसमाचार ईसा (अलैहे0) के जन्म विवरण से शुरु होता है और उसके बाद सीधा उनके जीवन के तीसवें बर्ष पर पहुँच जाता है जब वो युहन्ना से दीक्षा ले रहे होतें हैं। इस बीच की अवधि में वो कहाँ रहे, क्या करते रहे इसकी कोई जानकारी बाईबिल से मालूम नहीं होती पर उक्त अवधि के जितने संकेत सूत्र मिलते हैं वो यही इंगित करता है कि हजरत ईसा (अलैहे0) ने अपने गुमनामी के दिन हिंदुस्तान और तिब्बत में बिताये थे और यहां के हिंदू और बौद्ध गुरुओं से तालीम हासिल की थी। विद्वानों की खोज इस बात की पुष्टि भी करती है कि सूलीकरण के बाद भी वो सुरक्षा की दृष्टि से अपनी माँ के साथ हिंदुस्तान आ गये थे और अफगानिस्तान के रास्ते हिंदस्तान आकर कश्मीर को अपना आश्रयगाह बनाया था जिसके बारे में पवित्र कुरआन भी इशारातन जिक्र करते हुये सूरह मोमिनून की 50 वीं आयत में कहता है, “और मरयम के बेटे तथा उसके माता को हमने एक निशानी बनाया तथा उन दोनों को एक ऊँची जगह पर रखा जहाँ ठहराव था और बहता हुआ जलस्तोत्र !

हजरत ईसा (अलैहे0) का जहाँ जन्म हुआ था वह इलाका धरती के सबसे निचले स्थानों में शामिल है तो निःसंदेह यह इशारा कश्मीर या लद्दाख के बारे में था जो धरती के सबसे ऊंची जगहों में शुमार किये जातें हैं।





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