Sunday, June 15, 2014

मैंने पिछले कॉलम में स्वीडन में रहने वाले अपने फेसबुक फ्रेंड अमजद शेख का एक पत्र प्रकाशित किया था, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के बजाय स्वीडन को अपना देश बनाने के कई कारण बताए थे। इन कारणों का सम्बंध जिन मामलों से था उनमें कुछ मैंने अपनी तरफ से भी शामिल कर दिया है। सार ये कि जब उन्होंने पाकिस्तान में होश संभाला तो यहाँ ज़ियाउल हक़ का मार्शल लॉ लगा हुआ था और जाली रिफ्रेंडम (जनमत संग्रह) के माध्यम से जनता के मौलिक अधिकार, मताधिकार से उन्हें वंचित किया जा रहा था, दूसरी वजह ये बताई कि पाकिस्तानी समाज में बहुत घुटन का एहसास होता था, यहाँ हर व्यक्ति को किसी दूसरे व्यक्ति के साथ अलग बात करनी पड़ती है। व्यक्तिगत स्वतंत्रता कैद में है। लोग एक दूसरे के मामलों को कुरेदने में लगे रहते हैं, धार्मिक मामले में पाखंडीपन अपनी सीमा को पार कर चुका है और हर व्यक्ति के पास अपनी हरामख़ोरी का औचित्य मौजूद है, शासकों के अलावा जनता का बहुमत भी भ्रष्ट था, इसलिए उन्होंने देश छोड़ने का इरादा किया और स्वीडन में जा बसे।


 

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