Thursday, April 24, 2014

Relevance Of Sharia Law In Modern Times आधुनिक युग में शरीयत कानून की प्रासंगिकता

अभिजीत, न्यु एज इस्लाम

23 अप्रैल, 2014

इस्लाम के साथ जुड़े विषयों में कई ऐसे हैं जो निरंतर चर्चा और वाद-विवाद के केंद्र में बने रहतें हैं। इन्हीं शब्दों में एक शरीयत कानून भी है। इस शब्द की व्याख्या सुनने और जानने की बेताबी प्रायः सभी में रहती है। शरीयत कानून को लेकर पूरे विश्व के जनमानस (भले वो मुस्लिम हो या गैरमुस्लिम) में यही धारणा है कि यह मध्ययुगीन अरब का एक कालवह्य कानून है जो इस आधुनिक युग में भी मुसलमानों को पिछड़ा रखना चाहता है और उन्हें आगे बढ़ने से रोकता है। शरीयत कानून का नाम आते ही आँखों के सामने सर से लेकर पांव तक बुरके में ढ़की स्त्री, चोरों के हाथ काटे जाने के दृश्य, मध्ययुगीन बर्बरता, बलात्कारियों को पथ्थर से पीट-2 कर मारे जाने का दृश्य, गीत-संगीत, फोटोग्राफी और मनोरंजन के साधनों एवम् फोटोग्राफी पर पाबंदी और फतवेबाजी के दृश्य उभरने लगतें हैं।


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