Monday, April 28, 2014

It is Good to Ignore the Cows अच्छा यही है फेर ले आंखों से गाय को





अभिजीत, न्यु एज इस्लाम
25 अप्रैल, 2014
हिन्दुस्तान की तारीख में पिछले कई सौ बर्षो से गोहत्या एक बड़ी वजह रही है जिसने इस देश के दो बड़े संप्रदायों को हमेशा आपस में संधर्षरत रखा है और कभी भी उनके बीच स्थायी भाईचारा और एकता पनपने ही नहीं दी है । जाहिर है जब किसी देश के दो बड़े संप्रदाय आपस में संधर्षरत होंगे तो फिर वो देश कभी तरक्की नहीं कर सकेगा । देश के दो बड़े संप्रदायों के बीच का संशय और अविश्वास राष्ट्रीय एकात्मता को खंडित करता है और अंततः यही विभाजन की वजह भी बनती है। 1947 में सनातन काल से अखंड रही भारत भूमि विभाजित हो गई। इस विभाजन के पीछे कई वजहें थी जिसमें एक बहुत बड़ी वजह गोहत्या भी थी। पाकिस्तान के मांग के समर्थन में मोहम्मद अली जिन्ना ने जो तर्क दिये थे उसमें उन्होनें ये भी कहा था कि हिंदू और मुसलमान कभी भी एक साथ नहीं रह सकते क्योंकि चीजों को लेकर दोनों की मानसिकता में भारी अंतर है !"
जिन्ना का ऐसा कहना यथार्थ ही था क्यूंकि मसलन एक तरह हिंदू जहां गाय को माता मानता है वहीं एक मुसलमान की नज़रों में गाय का दर्ज़ा सिर्फ एक पशु का है, जिसका मांस खाने से भी उसे कोई गुरेज नहीं है ! इसलिए ऐसा कहा जा सकता है की भारत-विभाजन की बड़ी वजहों में एक गोहत्या भी रही होगी ! अगर हिन्दुस्तान में गोहत्या का मसला न होता तो शायद देश विभाजन की एक बड़ी वजह टल जाती।    
इन सबके बाबजूद हमलोगों के लिये सबसे सुखद बात यह है कि इस देश में कई ऐसे ऋषितुल्य मुसलमान रहें हैं जिन्होनें अपनी-2 क्षमताओं के अनुरुप गोहत्या जैसे पापकर्म और धृणित कृत्य को रोकने के लिये निरंतर प्रयास किया है। ऐसे सद्प्रयास करने वालों में जहां मुसलमान फकीर रहें हैं, वहीं बादशाह भी, समाजसेवक, लेखक, पत्रकार, बुद्धिजीवी ,शायर और कवि तक इस मुहिम में शामिल रहें हैं। 

No comments:

Post a Comment