Tuesday, March 11, 2014

Iraq Should also Recall its Ambassador from Qatar इराक को कतर से अपना राजदूत वापस बुला लेना चाहिए





बासिल हेजाज़ी, न्यु एज इस्लाम
8 मार्च, 2014
मालूम होता है कि आखिरकार कतर को आग से खेलने के नतीजों का सामना करना पड़ रहा है। अरब देशों में कतर सबसे छोटा देश है लेकिन इसके पूर्व अमीर हम्द बिन खलीफा अलसानी और निवर्तमान अमीर तमीम बिन हम्द ने भी कतर की जनता के अरबों डॉलर पड़ोस के अरब देशों में विध्वंसक गतिविधियों के लिए खर्च किये, जैसे इराक, सीरिया, मिस्र , लीबिया और लेबनान आदि। और शायद इराक को अपने आंतरिक मामलों में कतर और सऊदी हस्तक्षेप का सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा, इन देशों ने इराक में सक्रिय आतंकवादी संगठनों का भरपूर साथ दिया और उनकी आर्थिक मदद की जिसके नतीजे में लाखों इराकियों को अपनी जानें गंवानी पड़ी। लेकिन अब कतर को इस अनावश्यक हस्तक्षेप के नतीजों का सामना करना पड़ रहा है, वो भी खाड़ी सहयोग परिषद के सदस्य पड़ोसी देशों की तरफ से। खबरों के अनुसार सऊदी अरब, बहरीन और अमीरात ने 5 मार्च, 2014 को कतर से अपने अपने राजदूत वापस बुलाने का फैसला किया है। बयान के अनुसार कतर खुले तौर पर मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के देशों में स्थापित चरमपंथी इस्लामी संगठनों का समर्थन और मदद करता है। इस फैसले के बाद मिस्र ने भी कतर को कहा है कि वो "अरब राष्ट्र में कलह पैदा करने वाली राजनीति से दूर रहे" और संकेत दिया कि शायद वो भी उपरोक्त तीनों अरब देशों के नक्शेक़दम पर चलते हुए कतर से अपना राजदूत वापस बुला ले।
 

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