Taliban Lie about Using Child Suicide Bombers बच्चों के आत्मघाती हमलावर के रूप में इस्तेमाल पर तालिबान का झूठ
नजीब अल्लाह और स्टाफ
29 जनवरी, 2014
बात
जब आतंकवादी हमलों में शामिल होने की ज़िम्मेदारी क़ुबूल करने की आती है
तो तालिबान ज़िम्मेदारी कुबूल करने के बजाय अपनी सहूलत के मुताबिक
प्रतिक्रिया देते हैं।
मिसाल के तौर पर लड़कियों को आत्मघाती हमलावर के रूप में इस्तेमाल करने की उनकी रणनीति को ही लें।
अफगान
नागरिक रहीमुल्ला उस्मानी का कहना है कि जब बम धमाका कामयाब हो जाता है तो
विद्रोही तालिबान हमले की ज़िम्मेदारी क़ुबूल कर लेते हैं। उनका कहना है
कि लेकिन जब ऐसा कोई हमला नाकाम हो जाता है तो यही उग्रवादी इस पूरे मामले
से इंकार करते हैं।
ऐसा
ही दस साल की बच्ची स्फोज़मई के मामले में भी लगता है जिसे 6 जनवरी को
हेलमंद प्रांत में सुरक्षा बलों की एक चौकी को धमाकों से उड़ाने की कोशिश
के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था।
इस
बच्ची का कहना है कि हमले को अंजाम देने के लिए तालिबान ने उसे राज़ी कर
लिया था लेकिन अफगानिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में इस घटना की व्यापक
निंदा के बाद उग्रवादियों ने इसमें किसी भी तरह से शामिल होने से इंकार कर
दिया था।
अफगानी
नागरिक रहीमुल्ला उस्मानी ने इस घटना की तरफ इशारा करते हुए बताया कि ये
उस बात की एक और मिसाल है कि किस तरह तालिबान हमलों में अपनी भूमिका पर
अपना अधिकारिक बयान जनमत का रुख देखकर तय करते हैं।
उग्रवादियों के इंकार पर विश्वास करना मुश्किल है
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