Monday, March 10, 2014

Remember Allah and Be at Peace अल्लाह को याद करें और शांति मय हो जाऐं





 अरमान नेयाज़ी , न्यु एज इस्लाम
25 दिसंबर, 2012
पूरी दुनिया बड़े पैमाने पर और विशेष रूप से दुनिया-ए-इस्लाम बहुत कठिन दौर से गुजर रही है। विवाद समाप्त होना तो दूर कम होने के लिए भी तैयार नहीं हैं। आत्मघाती हमलों, बम विस्फोट, हत्या और अन्य गंभीर अपराधों के रुप में खून खराबे के अलावह कुछ दिखाई नहीं देता। हमारा समाज विफलता, हताशा (मायुसी) और ऐसी सामाजिक बुराइयों की चपेट में है कि इस दुनिया ने इससे पहले ऐसा नजारा नहीं देखा।जो हम अपने चारों ओर देखते हैं वह मानवता नहीं बल्कि कभी जीवित रही मानव जाति का एक छाया मात्र है।
कोई खुश नहीं है। कोई भी संतुष्ट नहीं है। कोई अच्छे कर्मों को स्वीकार करने के लिए तैयार है, हर इंसान खामियां खोजने में व्यस्त है। पाखंडी को सम्मानित किया जा रहा है। शरिफों को बदनाम किया जा रहा है। इस आध्यात्मिक (रुहानी) और भौतिक अराजकता और अव्यवस्था के कई कारण हैं।
 

No comments:

Post a Comment