Wednesday, May 14, 2014

Suicide Bombings, Beheadings Savagery बर्बर आत्मघाती बम हमले, सिर काटना क्रूरता है
ख़ालिद अलजेनफावी

6 जनवरी, 2014

कुछ मानव समाज में हिंसा के सामाजिक, सांस्कृतिक और 'नैतिक' जड़ों से विशेष प्रकार की हिंसा को अलग करना बहुत मुश्किल है। दरअसल अत्याचार व हिंसा के लिए प्रतिबद्ध किसी विशेष समाज के कुछ गिने चुने लोगों से ज़्यादा लोगों की स्पष्ट सहमति की अनदेखी करना जबकि क्रूरता के प्रति इस सामान्य व्यवहार को व्यक्तिगत मामला बताना अतार्किक लगता है।

प्रत्येक मानव संस्कृति हिंसा की अपनी संस्कृति को जन्म देती है, हालांकि अधिक हिंसक समाज अलग ही दिखाई पड़ता है।

इसके अलावा ये कि हिंसा अंतरिक्ष से नहीं आती है और न ही ये ज़रूरी है कि इसे कभी बाहरी तत्वों के द्वारा थोपा जाता है या अनियंत्रित अलौकिक बलों के द्वारा लागू की जाती हैं, बल्कि हिंसा एक खास मानसिकता की उपज है जो एक विशेष मानव वातावरण में पैदा होती है, कभी कभी हिंसा एक विशेष समाज की बुनियादी सामाजिक अवधारणाओं, इसके द्वारा स्थापित प्रथाओं, इसके सामान्य व्यक्तिगत दृष्टिकोणों और बाहरी दुनिया के प्रति समाज की आम प्रतिक्रिया से जन्म लेती हैं। उदाहरण के लिए कुछ मानव समाज हैं जो अधिक मानवीय, दयालु और विविधताओं को अधिक स्वीकार करने


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