Can We subscribe our Good Deeds in
the Account of our Parents क्या हम नेक कामों को माँ बाप के खाते में दर्ज कर सकते हैं?
फ़रहाद साहब अस्सलामो अलैकुम
आपने एक बार पहले भी
मेरे सवाल का जवाब दिया था अब भी उम्मीद करता हूँ कि आप जवाब देंगे।
क्योंकि हमारी अक़ल काम नहीं करती हम क़दम क़दम पर सोचते हैं, फूंक फूंक कर कदम
रखते हैं कि हम से कहीं गलती न हो जाए इसलिए हम बाल आपके कोर्ट में फेंक
देते हैं। कि अंगारा जाने लोहार जाने।
हज़रत अब्दुल्ला बिन
मुबारक रहमतुल्लाह अलैहि फरमाते हैं कि असनाद (का बयान करना) धर्म का
हिस्सा है और अगर असनाद न होती तो जिसका जो दिल चाहता वो कहता फिरता। हज़रत
अब्दुल्लाह रहमतुल्लाह अलैहि बिन मुबारक फरमाते हैं कि हमारे और लोगों के
बीच कवायम हैं यानी असनाद।
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