Wednesday, May 21, 2014

Pakistan: Centre of Islam’s Denigration and Muslim’s Misery पाकिस्तान: इस्लाम की बदनामी और मुसलमानों की बदहाली का मरकज़




अभिजीत, न्यु एज इस्लाम
20 मई, 2014
भारतीय उपमहाद्वीप पर जब अंग्रेजों का शासन था तब उन्होनें यहां फूट डालो और शासन करो की नीति पर काम किया था। अपने शासनकाल के दौरान उन्होंनें हमेशा और हरसंभव प्रयास किया था कि इस मुल्क के दो बड़े कौमों में एक-दूसरे के प्रति धृणा और नफरत को उभारा जाये। अपने इस कुचक्र को उन्होंनें यहां से जाते वक्त भी नहीं छोड़ा। जब उन्हें ये एहसास होने लगा कि वो इस मुल्क पर ज्यादा समय तक शासन नहीं कर पायेंगें तो जाते-2 उन्होंनें मुसलमानों के मन में यह बात डालनी शुरु कर दी कि हमारे यहां आने से पहले तो यहां तुम्हारा शासन था तो फिर हमारे जाने की स्थिति में भी वापस शासन की बागडोर तुम्हें ही मिलनी चाहिये। कई मुसलमान उनकी बातों की झांसे मे आ गये और फिर से हिंदुस्तान पर राज करने की मंशा उनके अंदर कसमसाने लगी पर उन्हें ये भी पता था कि अब सारे हिंदुस्तान की हुकूमत हासिल करना उनके लिये आसान नहीं होगी इसलिये एक अलग मुल्क का ख्बाब उनके अंदर पलने लगा। शनैः-2 उनकी इस सोच को कट्टरपंथियों और सत्ता के लालचियों ने हकीकत की धरातल पर उतार दिया और 14 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को पाकिस्तान नामक मुल्क अस्तित्व में आया। पाकिस्तान के बनाने के पीछे काम करने वाले हर दिमाग में इसको लेकर एक अलग व्यक्तिगत स्वार्थ था जिसे सबने मिलकर इस्लाम का नाम दे दिया। मानव इतिहास में पहले कभी न धटिट होने वाले इस शर्मनाक काम और इस विभाजन के परिणामस्वरुप लाखों मासूम जानों की हत्याओं और महिलाओं की अस्मत लूटे जाने का पाप ढ़कने के लिये विश्व के मानचित्र पर पैदा हुये देश को इस्लाम के लिये स्थापित देश धोषित कर सारे गुनाहों की इतिश्री कर ली गई। पाकिस्तान सरकार की आधिकारिक बेबसाइट इसे यूं चित्रित्र करती है-
"The Islamic republic of Pakistan and Islam are synonymous since Pakistan was carved out of the Hindu dominated British India so that Muslims could live and practice their religion free of any bondage, subjugation and fear. Pakistan was carved out of the erstwhile British India on the basic plea by Muhammad Ali Jinnah, the founding father of Pakistan that Hindus and Muslims are two separate entities and they cannot coexist under one roof for many reasons, religion and religion related dissimilarities being the major cause. Muslims of India decided to find a place for themselves where they could be free to practice their religion as per the aspirations and tenants of Islam. The popular slogan at that time was "Pakistan Ka Matlab Kia - La Illah ha Illilal La" (What is the meaning of Pakistan - There is no God but Allah").
इसे पढ़ने से तो यही महसूस होगा कि पाकिस्तान और वहां के मुसलमान इस्लाम के सबसे बड़े अलंबरदार हैं क्यूंकि इस मुल्क को पाने के लिये उन्होंनें अपने धर-परिवार, जमीन, जायदाद सबको छोड़ दिया था। पाकिस्तानी सरकार के बेबसाइट के दावे पाकिस्तान की स्थिति से नावाफिकों को ये भी एहसास दिला सकतें हैं कि इस्लाम और इसके मानने वालों के सम्मान और प्रतिष्ठा का मरकज़ दुनिया में कोई एक मुल्क है तो वो पाकिस्तान ही हैं। मगर ये बेहद अफसोस से कहना पड़ रहा है कि इनके बेबसाइट में वर्णित पाकिस्तान सिर्फ नाम का इस्लामी मुल्क है और इतना ही नहीं ये मुल्क इस्लाम और इसके मानने वालों के सम्मान और प्रतिष्ठा का मरकज नहीं वरन् इस्लाम की बदनामी और मुसलमानों की बदहाली का मरकज है।

 

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