Remedy of the Terrorists is Necessary आतंकवादियों का इलाज ज़रूरी है
इरफान ताहिर
18 अक्टूबर, 2012
अल्लाह का फरमान है कि मेरे बारे में जैसा गुमान अपने दिल में पैदा करोगे मुझे वैसा ही पाओगे। जब इंसान अपनी तंत्रिकाओं पर खौफ व खतरे और रंजिश व अंदेशों को हावी कर लेता है तो फिर ये उसकी बेबसी और बेकसी है कि अपमान और तबाही व बर्बादी उसका भाग्य बन जाता है। आज आतंकवादियों कों हमसे ऐतराज़ है कि कोई भी उनके खिलाफ ज़बान न खोले, लिखित में या भाषण में, कोई भी उन्हें बुरा भला कहने की हिम्मत न करे। उनका शासन है मानव जाति पर वो चाहें तो रात को रात जानें वो चाहें तो दिन को दिन बोलें, वो चाहें तो अच्छाई को अच्छाई समझें और वो चाहें तो बुराई में फर्क करें। नहीं नहीं ये तरीक़ा और सलीक़ा हमारा धर्म, हमारा ईमान और हमारा दीन बिल्कुल भी नहीं देता है। एक क्षण भर की खामोशी और उदासीनता हमारे ईमान की दौलत को भी सुरक्षित नहीं रहने देगी। आज पूरी दुनिया आतंकवादियों को खिलाफ ज़बान खोलने पर मजबूर है। मुनाफिक़ों के प्रमुख ओबामा से लेकर बान की मून तक, शांति की राजदूत मलाला से परवाने जारी किए जाते हैं।
इरफान ताहिर
18 अक्टूबर, 2012
अल्लाह का फरमान है कि मेरे बारे में जैसा गुमान अपने दिल में पैदा करोगे मुझे वैसा ही पाओगे। जब इंसान अपनी तंत्रिकाओं पर खौफ व खतरे और रंजिश व अंदेशों को हावी कर लेता है तो फिर ये उसकी बेबसी और बेकसी है कि अपमान और तबाही व बर्बादी उसका भाग्य बन जाता है। आज आतंकवादियों कों हमसे ऐतराज़ है कि कोई भी उनके खिलाफ ज़बान न खोले, लिखित में या भाषण में, कोई भी उन्हें बुरा भला कहने की हिम्मत न करे। उनका शासन है मानव जाति पर वो चाहें तो रात को रात जानें वो चाहें तो दिन को दिन बोलें, वो चाहें तो अच्छाई को अच्छाई समझें और वो चाहें तो बुराई में फर्क करें। नहीं नहीं ये तरीक़ा और सलीक़ा हमारा धर्म, हमारा ईमान और हमारा दीन बिल्कुल भी नहीं देता है। एक क्षण भर की खामोशी और उदासीनता हमारे ईमान की दौलत को भी सुरक्षित नहीं रहने देगी। आज पूरी दुनिया आतंकवादियों को खिलाफ ज़बान खोलने पर मजबूर है। मुनाफिक़ों के प्रमुख ओबामा से लेकर बान की मून तक, शांति की राजदूत मलाला से परवाने जारी किए जाते हैं।
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