Shariat and Wisdom Both against
Forced Marriage शरीयत और अक़्ल
दोनों जबरन शादी के खिलाफ हैं
असद मुफ्ती
1 नवम्बर,
201
पिछले हफ्ते जियो चैनल
पर जंग फोरम लंदन का जबरन शादी के बारे में एक विशेष कार्यक्रम देखने
का मौक़ा मिला। यू.के. में बसने वाली एशियाई कम्यूनिटी में जबरन, बे-जोड़ और सुविधा
की शादी की समस्या विकारल रूप लेती जा रही है। इस बात का खुलासा इस
विशेष टीवी कार्यक्रम में बखूबी किया गया। मेरे हिसाब से ये 'पूरे यूरोप' के लिए शो था, जिसे स्कॉटलैंड के
शहर डैंडी में रिकार्ड
किया गया था कि
स्कॉटलैंड में जबरन शादियों को आपराधिक अमल घोषित कर दिया गया है और ऐसा
कराने वाले माँ बाप,
रिश्तेदार या
सरपरस्तों को दो साल तक की सज़ा दी जा सकती है। ब्रिटेन, स्कॉटलैंड और आयरलैंड के एशियाई समुदाय में जबरन और बेजोड़
शादी की साढ़े तीन सौ एशियाई शादियाँ होती हैं, जिनमें पचास प्रतिशत शादियाँ जबरन या बेजोड़ शादियों की श्रेणी में आती
हैं। इस प्रकार
की स्थिति से
दम्पत्ति के अलावा न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि जातीय सम्बंध भी प्रभावित होते है।
काउंसिल की एक रिपोर्ट में
बाताया गया है कि 88
प्रतिशत शादियों
में एक पक्ष का
सम्बंध 'विदेश' से होता है। 79 प्रतिशत शादियाँ
मुआवज़ा, बेजोड़ और हितों पर आधारित होती
हैं (जिन्हें सुविधा की शादी भी कहा जाता है) जबकि 21 प्रतिशत सिर्फ जबरन शादी थी। शादी करने वाली औरतों का
अनुपात 62 प्रतिशत और पुरुषों का अनुपात
38 प्रतिशत था, जबकि 35 प्रतिशत को
दुर्व्यवहार का
सामना करना पड़ा।
जबरन शादी के लिए मजबूर की जाने वाली औरतों की उम्र सोलह से बीस साल के बीच
थी। यही वजह है कि ब्रिटेन,
स्कॉटलैंड और
आयरलैंड में
मर्ज़ी और
मंशा के खिलाफ जबरन शादियों के नतीजे में
कुछ लड़कियां आत्महत्या
तक कर बैठती हैं
और ये बात आपके ध्यान में लाना मेरे लिए बेहद ज़रूरी है कि आत्महत्या की
दर एशियाई लड़कियों में दूसरी महिलाओं की तुलना में तीन गुना अधिक है। यही
वजह है कि सरकार ने एक नए कानून को देश में परिचित कराया है, जिससे इन लोगों के
खिलाफ यौन अपराध,
अपहरण और जिस पर
जबरदस्ती या जबरन
शादी का आरोप
साबित हो जाएगा। आने वाले समय में इंग्लैंड में रहने वाले पाकिस्तानी, हिंदुस्तानी और
दूसरे एशियाई माँ बाप अपने बच्चों की जबरन शादी करवाने पर अब कड़ी
सज़ा का सामना करने के लिए तैयार रहें।
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