The Society Will have to get Better क़ौम को ठीक होना होगा
इम्तियाज़ अली शाकिर
30 अक्टूबर, 2012
एक
बार (खलीफए वक्त) हज़रत उमर ने खुत्बे (भाषण) के दौरान लोगों से पुछा कि
अगर मैं सही रास्ते पर न चलूँ तो तुम लोग क्या करोगे? एक बद्दू उठा और
तलवार निकाल कर बोला उमर याद रखो तुझे मैं इस तलवार से सीधा कर दूँगा।
हज़रत उमर ने इस पर अल्लाह का शुक्र अदा किया कि क़ौम में ऐसे लोग मौजूद
हैं जो मुझे ग़लत रास्ते पर चलने से रोक सकते है। इस हक़ीक़त से कोई इंकार
नहीं कर सकता कि अल्लाह ने अपने खास बन्दों के जीवन के हर पहलू को आने वाले
दौर के आम लोगों को समझाने के लिए व्यवस्थित किया है। इसी हक़ीक़त को
मद्देनज़र रखते हुए आज मुझे बड़े दुख से कहना पड़ता है कि पाकिस्तानी क़ौम
में शासको को सीधा करने वाले लोग खत्म हो चुके हैं। मुझे आज अपनी पत्रकार
बिरादरी से एक अपील करनी है लेकिन कुछ हालात और घटनाओं पर बात करने के बाद
जैसा कि पिछले दिनों सुनवाई के दौरान बलोचिस्तान अशांति मामले में चीफ
जस्टिस ऑफ पाकिस्तान ने टिप्पणी दी कि राज्य के मामले संविधान के अनुसार
नहीं चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने
बलूचिस्तान में शांति की खराब स्थिति का कड़ा नोटिस लेते हुए कहा कि जब
सेशन जज की हत्या हो जाने पर भी सरकार हरकत में नहीं आती तो बाकी क्या रह
जाएगा? चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान की सेवा में निवेदन है (कुछ भी कहने से
पहले मैं ये बताता चलूं कि मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की ईमानदारी पर
मुझे किसी प्रकार का शक नहीं है। मेरे अनुसार वो बहुत ईमानदार व्यक्ति हैं
और मेरी अल्लाह से दुआ है कि अल्लाह उन्हें और अधिक ज्ञान व चेतना, साहस,
शक्ति, स्वास्थ्य, सम्मान और ज़िन्दगी अता फरमाए आमीन) लेकिन किसी एक
व्यक्ति के ठीक होने से राज्य की व्यवस्था नहीं बदला करती क्योंकि ये कोई
दो, तीन घंटे की एक्शन फिल्म नहीं जो अकेला नायक दो चार हज़ार लोगों से
लड़कर जीत जाता है। ये हक़ीक़त है यहां व्यवस्था ठीक करने के लिए पूरी क़ौम
को ठीक करने के लिए पूरी क़ौम को ठीक होना होगा।
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