God is a Spiritual Realisation beyond Description खुदा बयान से परे एक आध्यात्मिक वास्तविकता है
आर.के. मधुकर
7 अप्रैल, 2014
खुदा
और धर्म दोनों पुरुषों और महिलाओं के लिए बहुत प्रासंगिक हैं और दोनों
दैनिक जीवन को पूरी तरह प्रभावित करते हैं। खुदा की इबादत और किसी धर्म से
सम्बंध रखना इंसान को एक सुरक्षात्मक कवच प्रदान करता है और जीवन में पेश
आने वाली चुनौतियों का सामना करने और दुखों और परेशानियों से उबरने में मदद
भी प्रदान करता है। इसके साथ ही साथ ये इंसानों को सभी अच्छी चीजों के लिए
आभारी होने की शिक्षा भी देती हैं जिसका वो धरती पर आनंद लेता है। संक्षेप
में खुदा और धर्म के ज़रिए पुरुष और महिलाएं अपने जीवन के गहरे अर्थ को
तलाशती हैं।
दुनिया
भर के इंसानों के लिए खुदा बहुत ही प्रासंगिक है। प्राचीन काल से ही
विभिन्न सभ्यताओं में ये शब्द पुरुषों और महिलाओं को मंत्रमुग्ध करता रहा
है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो खुदा कौन है, सभी लोग उस खुदा को
सर्वशक्तिमान, वो जो सबका रक्षक हो, के रूप में स्वीकार करते हैं। सभी
पुरुष और महिलाएं खुदा की तरफ हमेशा आराम और सांत्वना देने वाले के रूप में
देखते हैं। खुदा एक सार्वभौमिक सत्य है और खुदा हर किसी के लिए है। स्वामी
क्रियानंद जैसे आध्यात्मिक गुरुओं ने पाया है कि खुदा सांप्रदायिक,
पक्षपाती या संकीर्ण नहीं है। खुदा हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, यहूदी या सिख
नहीं है। खुदा किसी क्षेत्र, देश या समुदाय तक ही सीमित नहीं है। खुदा हर
व्यक्ति के लिए है जो खुदा की अवधारणा में विश्वास रखता है।
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