Martyrdom of Hussain: A Symbol for Oppressed People All Over the World इमाम हुसैन की शहादत ब्रह्माण्ड में मज़लूमों का प्रतीक है
आमिर रजा हुसैन
23 नवम्बर 2012
आशुरह, मुहर्रम की दसवीं तारीख को पूरी दुनिया के मुसलमान पैग़म्बर के नवासे की दुखद मौत का ग़म मनाते हैं जिन्हें हज़रत मआविया रज़िअल्लाहु अन्हां के बेटे यज़ीद ने सातवीं सदी ईसवी में उनकी पूरे परिवार सहित हत्या कर दी थी।
उस दिन हनफी, मालकी, शिया और सुन्नी सहित तमाम धर्मों के लोग इमाम हुसैन की मौत का ग़म मनाते है। इमाम हुसैन ने हमें अपने धर्म की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान करने और मासूमों की जान न लेने की शिक्षा दी है। इमाम हुसैन का संबंध एक ऐसे परिवार से था जिसमें कुर्बानी पेश करना जीवन का एक सिद्धांत था।
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