Wednesday, December 25, 2013

Jesus Christ: An Islamic Perspective इस्लाम में हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम (यीशु) का स्थान



गुलाम रसूल देहलवी, न्यू एज इस्लाम
(अग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद: वर्षा शर्मा)
इस्लाम ने मुसलमानों को सभी धर्मों और ईश्वर के सभी पैग़म्बरों का सम्मान करने पर विशेष बल दिया है। इस्लामी परंपरा के अनुसार अल्लाह की ओर से अवतरित होने वाले पैगम्बरों और नबियों की संख्या कमोबेश(सामान्यतः कुल मिलाकर) एक लाख चौबीस हजार है। इस्लाम में पैगंबर के दो प्रकार हैं : नबी और रसूल। इस्लामी अवधि में नबी का अर्थ है: वह व्यक्ति जिसे अल्लाह ने भेजा हो , लेकिन बिना किसी किताब या आसमानी सहीफा (धार्मिक ग्रन्थ) के, जबकि रसूल का अर्थ है वह व्यक्ति जिसे अल्लाह ने किसी किताब या आसमानी सहीफा के साथ भेजा हो। हालांकि इल्हाम, वही या रहस्योद्घाटन (अर्थात अल्लाह की ओर से अलग अलग परिस्थितियों में पैगम्बर को भेजा जाने वाला ईश्वरीय मार्गदर्शन ) हर पैग़म्बर के लिए नाज़िल हुई। परिणाम यह निकला कि हर रसूल नबी होता है मगर हर नबी रसूल नहीं होता।

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