Friday, November 15, 2013

Real Success for Al - Qaeda and Taliban अलकायदा और तालिबान की असल कामयाबी



मुजाहिद हुसैन, न्यु एज इस्लाम
13 नवंबर, 2013
पाकिस्तान में इस बात पर हंगामा हो रहा है कि जमाते इस्लामी के अमीर मौलाना मुनव्वर हसन ने अमेरिका और नाटो की काफिर सेना की सहयोगी पाकिस्तानी सेना को कुफ्र का साथी करार देकर शहीद के पारंपरिक इस्लामी मंसब पर स्थापित करने से इंकार कर दिया है। जिसके बाद सेना की तरफ से नियमित निंदा बयान के बाद हर कोई जमाते इस्लामी पर टूट पड़ा है। हालांकि पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठान की आंखों के तारे और तालिबान की नर्सरी दारुल उलूम जामिया हक़्क़ानिया के मोहतमिम (प्रबंधक) मौलाना समीउल हक़ से लेकर जैशे मोहम्मद के साप्ताहिक अखबार अलक़लम और मशहूर प्रतिबंधित खैराती संगठन अलरशीद ट्रस्ट के साप्ताहिक ज़र्बे मोमिन तक हर कोई अमेरिका और नाटो बलों के साथियों को काफिर और नास्तिक करार दे रहा है और पाकिस्तानी सेना के जवानों की हत्या करने वालों के गुण गान में लगे हैं।
 

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