Tuesday, November 26, 2013

Islam and Democracy in the Current Context: Untapped Questions समकालीन संदर्भ में इस्लाम और लोकतंत्र: कुछ ऐसे सवालात जिन पर ध्यान नहीं दिया गया

जहीर अलआवनी
24 सितम्बर, 2013
इस्लाम लोकतंत्र के साथ सुसंगत है या नहीं, ये एक ऐसा सवाल है जिसने अनगिनत और अलग अलग समस्याओं और विचारों को जन्म दिया है। एक तरफ तो पश्चिम में मौजूदा मीडिया और बौद्धिक क्षेत्रों के लोगों ने इस्लाम को मध्य एशिया में तानाशाही पर आधारित नीतियों की बुनियाद पर समझा है। उनके लिए इस्लाम पुरुष प्रधान व्यवस्था है और इसमें नागरिकता और स्वतंत्रता की कल्पनाओं की कमी है। इसलिए कि इसमें खुदा की संप्रभुता का विश्वास पाया जाता है। जिसने सार्वजनिक शक्ति को कम कर दिया है। ऐसा दावा किया जाता है कि इस्लाम 'एक ऐसी दुनिया को व्यवहारिक रूप देता है जहां मानव जीवन को वो मूल्य प्राप्त नहीं जो पश्चिम में इंसानी जीवन को हासिल हैं, जहां आज़ादी, लोकतंत्र, खुलापन और रचनात्मकता नहीं है।''
 
 
 
 

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