सपने और आध्यात्मिकता
by नीलोफर अहमद (अनुवाद- न्यु एज इस्लाम)
कोई भी मौत के वक्त सोने के लिए जाता है, इस आम कल्पना के विपरीत, हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया है कि इंसान इस दुनिया में सोए हैं और मौत के वक्त वो जाग जाएगें (इब्ने अल-अरबी)। इस दुनिया का जीवन एक ख्वाब की तरह हो सकता है। आने वाली ज़िंदगी वास्तविकता होगी जो हम पर ज़ाहिर नहीं है और आखिरत में जागने पर ज़ाहिर हो जायेगी।
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