अंतर धार्मिक बातचीत की ज़रूरत
by असग़र अली इंजीनियर (अनुवाद- न्यु एज इस्लाम)
इसके अलावा, अगर कहीं विवधता तो वहां सम्भव है कि एक दूसरे से इख्तेलाफ़ात और गलतफहमियाँ होंगी जो अक्सर विवादों और अशांति पैदा कर सकती हैं। ये दोनों पर लागू होता है: अंतः विश्वास और अंतर धार्मिक वर्ग। अंतर धार्मिक विवाद भी जैसे शिया और सुन्नी या बोहरा या गैर-बोहरा मुसलमानों के बीच या बरेलवियों और देवबंदिोंयों के बीच आम है। इन गलत फहमियों को दूर करने के लिए एक मात्र रास्ता एक दूसरे के साथ बातचीत करना है।
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