Hindi Section
कभी अल कायदा के लोग जिहाद के नाम पर वैसे ही आतंकवादी हमले दुनिया भर में कर रहे होते थे तो कभी पाकिस्तानी आतंकवादी मुंबई में घुस कर ताज होटल और वी टी स्टेशन पर हमलावर होते नजर आते थे। ऐसे माहौल में बस कहीं भी एक बम विस्फोट होता और मीडिया में मुस्लिम मुजाहिदीन जैसे संगठन का शोर मचता तो फितरी (प्राकृतिक) था कि हर मन में शक पैदा होता था कि इस मामले में ज़रूर मुसलमान ही शामिल होंगे। -- ज़फ़र आग़ा (उर्दू से अनुवाद- समीउर रहमान, न्यु एज इस्लाम डाट काम)
http://newageislam.com/hindi-section/साम्प्रदायिक-शक्तियां-पी.-चिदंबरम-से-नाराज़/d/6612
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