Hindi Section | |
21 Sep 2011, NewAgeIslam.Com | |
गुजरात और बिहार में मुसलमानों का इंसाफ हासिल करना नामुमकिन क्यों? | |
आबिद अनवर (उर्दू से हिंदी अनुवाद- समीउर रहमान, न्यु एज इस्लाम डाट काम) |
गुजरात दंगों को तकरीबन 10 साल हो गये हैं लेकिन हालात जैसे के तैसे बने हुए हैं। किसी पार्टी, राजनीतिज्ञ, अदालतऔऱ किसी दूसरे माध्यम से इंसाफ न मिलने की वजह से गुजरात के मुसलमान मजबूरन बीजेपी के सदस्य बन रहे हैं,ताकि किसी तरह उनको सुरक्षा मिल सके। इससे मुसलमानों की हालत का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि वोकातिलों की पनाह लेने के लिए किस तरह मजबूर हैं। गुजरात में कुछ नहीं बदला है और न वहाँ प्रशासन की सोचबदली है और न ही समाज में किसी के साथ अच्छे व्यवहार करने का जज़्बा पैदा हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिकगुजरात के मुसलमान शहरों, कस्बों और गाँवों हर जगह खौफ में रहते हैं। धीरे धीरे उनकी बस्तियाँ और गरीब होती जारही हैं। --आबिद अनवर (उर्दू से हिंदी अनुवाद- समीउर रहमान, न्यु एज इस्लाम डाट काम) http://newageislam.com/NewAgeIslamHindiSection_1.aspx?ArticleID=5530 |
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