Sunday, September 18, 2011

Hindi Section
18 Sep 2011, NewAgeIslam.Com
आनर किलिंग और हमारा समाज

मौलाना नदीमुल वाजिदी (उर्दू से हिंदी अनुवाद- समीउर रहमान, न्यु एज इस्लाम डाट काम)

आनर किलिंग की घटनाओं ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है। लंदनमेट्रोपालिटन युनिवर्सिटी ने खास इस विषय पर सेमिनार किया। सामाजिक मामलों केजानकारों ने आंकड़ो की मदद से ये बताया कि आनर किलंग के मामले सिर्फ हिंदुस्तानमें ही नहीं बल्कि एशिया के दूसरे देशों में भी सामने रहे हैं। इस सिलिसले मेंपाकिस्तान समेत कई मुस्लिम देशों का नाम लिया गया। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट केमुताबिक हर साल पूरी दुनिया में लगभग पांच हज़ार लोग आनर किलिंग के नाम परज़िंदगी खो देते हैं। हमारे देश की संसद इस सिलसिले में एक सख्त कानून मंज़ूर कारनेकी तैयारी कर रही है, लेकिन इसकी कम ही संभावना है कि ये बिल संसद में पेश हो,अगर पेश भी हो गया तो महिला बिल की तरह इसकी मंज़ूरी भी आसान नहीं होगी।और अगर किसी तरह मंज़ूर भी हो गया तो इस पर अमल कराने की संभावना कम हीनज़र आती है। इसकी वजह ये है कि आनर किलिगं किसी एक गाँव, किसी एक इलाकेऔर बिरादरी या खानदान का मामला नहीं है। --मौलाना नदीमुल वाजिदी (उर्दू सेहिंदी अनुवाद- समीउर रहमान, न्यु एज इस्लाम डाट काम)

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