Wednesday, April 25, 2012

मध्यकालीन इस्लामी क़ानून में मर्द और स्त्री के बीच संबंध


मध्यकालीन इस्लामी क़ानून में मर्द और स्त्री के बीच संबंध
by डॉक्टर अदिस दुदरीजा (अनुवाद- न्यु एज इस्लाम)
"एक सच्ची मुसलमान बीवी की सबसे बड़ी नेकी अपने शौहर के प्रति उसकी वफ़ादारी है। उसका दिमाग, उसका दिल, उसकी नज़र, उसका शरीर सिर्फ शौहर के लिए है .... ये मुस्लिम बीवी को शोभा नहीं देता कि वो अपने शौहर के अलावा किसी दूसरे मर्द की तरफ नज़र उठाए ... यहां तक ​​कि किसी मर्द पर एक नज़र डालना भी कुफ़्र और बेवफाई का अमल माना जाता है ... मन में किसी दूसरे मर्द का ध्यान करना भी इस्लाम में कुफ्र है,  दूसरे मर्दों पर नजर डालना भी कुफ़्र है,  दूसरे आदमियों से बात करना कुफ्र है। शौहरों के लिए कुफ्र और बेवफाई बदकारी करने तक ही सीमित नहीं है।"
http://newageislam.com/hindi-section/मध्यकालीन-इस्लामी-क़ानून-में-मर्द-और-स्त्री-के-बीच-संबंध/d/6943

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