Thursday, October 6, 2011

Hindi Section
06 Oct 2011, NewAgeIslam.Com
किस इस्लामी नेज़ाम की बात करते हो?

सैय्यद अतहर अली (उर्दू से अनुवाद-समीउर रहमान, न्यु एज इस्लाम डाट काम)

आखिर क्या वजह है कि कल तक इस्लामी नेज़ाम की बात करने वाली ये तंज़ीमें बहुत अच्छी लगती थीं, आज अचानक खराब लगने लगीं। जो कल तक रूस, अमेरिका और इज़राईल के खिलाफ ऐलाने जंग कर रहीं थीं आज वही पाकिस्तान और ईरान के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी हैं। मुसलमानों का कत्ले आम करके, मुसलमानों को मार कर, उनके घरों को तबाह व बर्बाद करके, अपनी ही बहन बेटियों को विधवा करके, अपने ही बच्चों को यतीम करके, आखिर ये कौन सा नेज़ामे मुस्तफा लागू करना चाहती हैं। जिस नेज़ाम में सभी लोग लंगड़े, लूले, अपाहिज, औऱ नाबीना (अंधे) नज़र आयेंगें। इस नेज़ाम में सभी औरतें बेवा और बच्चे बेसहारा होंगे। ऐसे नेज़ाम की कल्पना तो अल्लाह के नबी हज़रत मोहम्मद (स.अ.व.) ने नहीं किया था। ऐसी खिलाफ़त तो खुलफए राशिदीन (चारों खलीफाओं) को पसंद नहीं थी। --सैय्यद अतहर अली (उर्दू से अनुवाद-समीउर रहमान, न्यु एज इस्लाम डाट काम)

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