Hindi Section | |
03 Oct 2011, NewAgeIslam.Com | |
मुसलमानों में एकता की आवश्यकता | |
मौलाना इसरारुल हक़ कास्मी (उर्दू से अनुवाद-समीउर रहमान,न्यु एज इस्लाम डाट काम) |
ये कहना बहुत सही है कि जब तक मुसलमानों में मिल्लत का दर्द नहीं होगा उस वक्त तक हालात बदलने वाले नहीं हैं। इसमें शक नहीं कि एकता ही वो रिश्ता है जिसमें मुसलमानों की ताकत छिपी हुई है और इसी ताकत से हम विरोधियों और इस्लाम दुश्मन ताकतों का सामना कर सकते हैं। मुसलमानों को सीसा पिलाई हुई दीवार की तरह एकजुट होना चाहिए और मज़बूत होना चाहिए। लेकिन विडम्बना ये है कि वो न जाने कितनी तरह के मतभेदों से दोचार हैं जिसके कारण उनको विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। --मौलाना इसरारुल हक़ कास्मी (उर्दू से अनुवाद-समीउर रहमान,न्यु एज इस्लाम डाट काम) http://newageislam.com/NewAgeIslamHindiSection_1.aspx?ArticleID=5609 |
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