Wednesday, May 14, 2014

Quran's Inclusive Approach and Narrow - Mindedness of Urdu Translators of Quran कुरान का समग्र दृष्टिकोण और कुरान के उर्दू अनुवादकों की संकीर्णता

आफताब अहमद, न्यु एज इस्लाम
29 अप्रैल, 2014
आमतौर पर मुसलमान वो है जो इस्लाम से सम्बंध रखता है और अल्लाह और अल्लाह के रसूल मोहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम पर विश्वास करता है और कुरान के आदेशों और इस्लाम के पैगम्बर सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम की सुन्नतों का पालन करता है।
कुरान में भी हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम के अनुयायियों को मुसलमान कहा गया है और उसी तरह जैसे हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के अनुयायियों को यहूदी और यीशु के मानने वालों को ईसाई कहा गया है।
हालांकि कुरान में दर्जन से भी अधिक ऐसी आयतें हैं जिनमें इब्राहीमी धर्म के सभी अनुयायियों को मुसलमान माना गया है इसलिए कि वो एक सर्वशक्तिमान खुदा में विश्वास रखते थे और झूठे देवी देवताओं में विश्वास नहीं करते या सूरज, चाँद, पहाड़ों या बारिश की पूजा नहीं करते हैं। इब्राहीम अलैहिस्सलाम से पहले के नबियों के मानने वालों को भी मुसलमान कहा जाता था। कुरान की आयतों के अनुसार अल्लाह के सभी रसूल मुसलमान ही थे। कुरान ऐलान करता है कि खुदा ने अपने सभी मानने वालों का नाम मुसलमान रखा है।
 

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