Tuesday, May 20, 2014


नई दिल्लीः 17 मई, 2014

छद्म सेकुलर लीडर लंबे समय से नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत के भगवाकरण को लेकर मुसलमानों को डराते रहे हैं। यहां तक ​​कि ऐसे माहौल में 2,000 की संख्या में मुसलमान मार दिये जाएंगें, ऐसी चर्चाओं को भी चलाया गया। [इन आंकड़ों की गणना कैसे की गयी, इसका अंदाज़ा कोई भी लगा सकता है] हालांकि, देश में मुस्लिम राय के एकमात्र बौरोमीटर दिल्ली के उर्दू प्रेस के त्वरित सर्वे से पता चलता है कि अज़ीज़ बर्नी के दैनिक अखबार अज़ीज़ुलहिन्द में प्रकाशित होने वाले शाही इमाम के बयान, खुद इस अखबार और कुछ पत्रकारों के अलावा किसी भी उर्दू अखबार ने मोदी सरकार को लेकर डर फैलाने वाली खबरों को प्रकाशित नहीं किया। इन अखबारों में कोई भी भयानक भविष्यवाणी नहीं की जा रही हैं। तमाम लोगों ने जनता के फैसले को स्वीकार किया है और उनका कहना है कि लोकतंत्र में जनता के फैसले को हमेशा स्वीकार किया जाना चाहिए और इसका स्वागत किया जाना चाहिए क्योंकि ये लोगों के सामूहिक विवेक को दर्शाता है। सभी संपादकीय लेखक मुसलमानों को यही कह रहे हैं कि वो भाजपा की तरफ से वादा किये गये अच्छे समय का इंतेज़ार करें।





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