Wednesday, January 29, 2014

Being Hindu Indian or Muslim Indian हिंदू भारतीय या मुस्लिम भारतीय होने का अर्थ





चेतन भगत
1 नवम्बर, 2013
आम तौर पर लोग धर्म पर लेख लिखने को लेकर आशंकित रहते हैं। ज़्यादातर हिंदुस्तानी गलत व्याख्या के डर से सार्वजनिक स्थानों पर इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करते। इस मामले पर सिर्फ भावुक चरमपंथी ही बात करते हैं। नतीजतन, हमारे समाज में हमारे धर्म को चरमपंथी कण्ट्रोल करते हैं, और राजनीति इसमें मदद करती है।
और इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण धार्मिक मामलों को नज़रअंदाज़ किया जाता है। ऐसा ही एक मुद्दा आधुनिक समाज में अपने धर्म की व्याख्या और उसके स्थान को लेकर नौजवानों के मन में पाया जाने वाला भ्रम है।
शुरुआत हिन्दू धर्म से करते हैं। हिन्दुओं में एक समुदाय ऐसा है जो ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए अपने अंग भंग करने में विश्वास रखते हैं। वो अपने गालों में भाला भोंक लेते हैं। ये लोग धातु के हुक को अपनी पीठ में फंसा कर रथ को खींचते हैं। हिन्दू साधु सन्यासी का जीवन बिताते हैं।
जबकि करोड़ों हिन्दू सिर्फ कभी कभी ही मंदिर जाते हैं। वो भगवान में विश्वास करते हैं। हालांकि वो हिंदू धर्म की पवित्र किताबों में दिये गये दिशा निर्देशों को न तो जानते हैं और न ही उनका पालन करते हैं। कई हिंदू मांस खाते हैं और शराब पीते हैं लेकिन वो भगवान की पूजा करते हैं और सभी प्रमुख त्योहारों को भी मनाते हैं।
इसलिए सवाल ये पैदा होता है कि- हिन्दू कौन हैं? क्या गालों में भाला भोंकने वाला भक्त मानदण्ड है? क्या एक साधु आदर्श हिन्दू है? या मध्यम वर्ग का वो व्यक्ति जो बैंक में काम करता है, जो मुर्गा खाता है, बियर पीता है और कभी कभी मंदिर जाता है, वो भी एक अच्छा हिन्दू है?

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