Friday, May 11, 2018

True Purpose of Life Is Beyond Self जीवन का सही उद्देश्य स्वयं से परे होना है




4 मार्च, 2018
किसी व्यक्ति को उच्चतम स्थान तभी प्राप्त होता है जब वह एक उद्देश्यपूर्ण जीवन व्यतीत करता हैl इस प्रकार का जीवन मानवीय विकास के सबसे उच्चतम चरण का निर्धारण करता हैl बेशक अपने लिए अच्छा खाना, वस्त्र और निवास की व्यवस्था करना इस दुनिया के अंदर इंसान की सबसे प्रथम जिम्मेदारी हैl लेकिन यह उद्देश्यपूर्णता का एक ऐसा स्तर है जिसमें केवल अपने अस्तित्व के एतबार से हैवान और इंसान सब बराबर हैंl एक इंसान का जीवन केवल उसी समय उद्देश्यपूर्ण बनता है जब वह सभी हैवानों की आवश्यकताओं से उपर उठता और उच्चतम मानवीय उद्देश्य इख्तियार करता हैl
इंसान के इस अलग काल्पनिक मानक पर हम यह अवधारणा स्थापित कर सकते हैं कि जीवन में इंसान का उच्चतम उद्देश्य क्या होना चहियेl इसलिए, एक इंसान के जीवन का वास्तविक उद्देश्य केवल वही हो सकता है जिससे उसके व्यक्तित्व का उच्चतम पहलु प्रदर्शित होl
अगर इस चरण में कोई थोड़ा रुके और यह जानने की कोशिश करे कि इस बाब में कुरआन की शिक्षा क्या है तो उसे यह पता चलेगा कि इस मामले में कुरआन की हिदायत बड़ी स्पष्ट हैl कुरआन करीम में निम्नलिखित शब्दों के साथ इंसान के जीवन का उद्देश्य बयान किया गया है: “और मैनें जिन और आदमी इसलिए बनाए कि मेरी बंदगी करेंl मैं उनसे कुछ रिजक नहीं मांगता और ना यह चाहता हूँ कि वह मुझे खाना देंl” (51:56-57)
यह आयतें इंसानी ज़िन्दगी का उद्देश्य इबादत करार देती हैंl खुदा हम से रिजक नहीं मांगता, आयत बल्कि यह कहती है कि खुद हमारा रिजक अलाह के जिम्मे हैंl इसका मतलब यह है कि हमारी ज़िंदगी का उद्देश्य खुदा की इबादत है जिसका उत्तेजक ना तो बातिनी ख्वाहिशात हैं और ना ही खारजी प्रभावl बल्कि यह तो केवल गौर व फ़िक्र से ही अस्तित्व में आता हैl जब कोई व्यक्ति अपनी नफ्स बीनी और अपने माहौल से ऊपर उठे तभी उसे इस बात का अंदाजा हो सकता है कि उसकी जिंदगी का उच्चतम लक्ष्य भी है जिसपर उसे अपनी सारी ताकत खर्च करनी चाहिएl
जीवन के इस लक्ष्य का निर्धारण करना, संक्षिप्त में, जीवन को सार्थक बनाने की कोशिश करना हैl इसलिए, इंसानी जिंदगी का उद्देश्य वही होना चाहिए जो इंसान की उस अलग हैसियत के अनुसार होl
स्रोत:
sundayguardianlive.com/opinion/12976-true-purpose-life-beyond-self

No comments:

Post a Comment