Thursday, March 20, 2014

Controversy Over Facilitating the Second Marriage Proposal in Pakistan पाक में दूसरी शादी को आसान बनाने वाले सुझाव पर विवाद

जागरण समाचार
11 मार्च, 2014
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में एक धार्मिक संस्था की ओर से दूसरी शादी को आसान बनाने के संबंध में सरकार को दिए गए कानूनी सुझाव को लेकर उसे कड़ी आलोचनाओें का सामना करना पड़ रहा है। द काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडोलॉजी [सीआइआइ] द्वारा सोमवार को दिए गए इस कानूनी सुझाव में कहा गया है कि पुरुषों को दूसरी शादी करने के लिए पहली पत्नी की स्वीकृति की जरूरत नहीं होनी चाहिए।
सीआइआइ ने कहा कि पाकिस्तानी कानून के अनुसार पहली पत्नी की मौजूदगी में दूसरी शादी धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ है। काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद खान शेरानी ने सोमवार को इस मुद्दे पर एक बैठक के बाद कहा कि शरिया में पुरुषों को एक से ज्यादा पत्नियां रखने का अधिकार दिया गया है। ऐसे में सरकार को मौजूदा कानून में संशोधन करना चाहिए।
शोरानी ने कहा कि दूसरी शादी करने के लिए पुरुषों को पहली पत्नी से किसी तरह की स्वीकृति की जरूरत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस्लामी शरिया कानून के मुताबिक दूसरी शादी करने के लिए पुरुषों को पहली पत्नी की अनुमति नहीं लेनी पड़ती हैं जबकि मुस्लिम परिवार कानून 1961 के तहत पत्नी की स्वीकृति अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि यह कानून इस्लामी शरिया कानून के ठीक विपरीत है। शोरानी ने कहा कि उनकी काउंसिल सरकार से मांग करती है कि वो निकाह, तलाक और व्यस्कता से संबंधित कानूनों को शरिया के अनुरूप तैयार करें।
 

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