Indian Muslims and Pakistan भारतीय मुसलमान और पाकिस्तान

अभिजीत, न्यु एज इस्लाम
31 मई, 2014
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अगस्त 1947, मानव इतिहास का सबसे शर्मनाक दिन था क्योंकि इस दिन कुछ लोगों
की राजनीतिक महत्वकांक्षाओं और क्षुद्र स्वार्थों ने लाखों लोगों की
जिंदगियां छीन ली थी, हजारों माताओं की गोद सूनी कर दी थी, कई कन्याओं की
अस्मत लूट ली थी और हजारों-लाखों बच्चों को अनाथ कर अपनी मातृभूमि का
विभाजन कर दिया था! और तो और ये तमाम धृणित काम इन स्वार्थियों ने इस्लाम
के नाम पर किया था। उस इस्लाम के नाम पर किया था जिसका अर्थ सलामती है और
जिसे लाने वाले को रहमतों का समंदर और अमन का राजकुमार कहा जाता है।
पाकिस्तान के नाम पर बने इस मुल्क के दौरान हुई मारकाट में 10 लाख से अधिक
जानें गई थी। मानव इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में भारत विभाजन की
त्रासदी सर्वोच्च है।
पूर्वजों के अपराधी:-
सत्ता
के लालचियों ने इस्लाम को आधार बनाकर खुद को न केवल उस भूमि से काट लिया
था बल्कि उसे नापाक भी धोषित कर दिया था जिस मुल्क की मिट्टी में इनके
पूर्वक दफन हुये थे, जहां की पवित्र मिट्टी में ख्वाजा गरीब नवाज और इस्लाम
के सैकड़ों आबिद और बुर्जुग लेटे हुयें थे, जहां की धरती कयामत के रोज
उनके सज्दों की गवाह बनने वाली थी, जहां हजरत बाबा आदम (अलैहे0) के कदम
पड़े थे, जहां से हज, नमाज और रोजे जैसे इस्लाम के बुनियादी अरकान शुरु
हुये थे, जहां की पवित्र धरती की फिजाओं में तौहीद की पहली सदा आई थी, जहां
के आसमानों पर हजरत मोहम्मद (सल्ल0) का पवित्र नाम सबसे पहले जाहिर हुआ
था, जहां मानव इतिहास की पहली नमाज पढ़ी गई थी, जहाँ काबे के स्थापित
हजरे-अस्वद जन्नत से उतरा था, जो जालिमों से धिरे नबी के नवासे के सपनों का
वतन था और जहां से नबी-ए-पाक (सल्ल0) को वलियों की खुश्बू आती थी।
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