Wednesday, April 25, 2012

औरतों के बारे में हर एक बहस में इस्लाम को न घसीटें


by फराह नाज़ ज़ाहिदी मोअज़्ज़म (अनु.- न्यु एज इस्लाम)
ये सिर्फ इस्लाम के बारे में नहीं है,  बल्कि कोई भी धर्म या नैतिक नियम इसकी इजाज़त नहीं देगा कि मनुष्य पर अत्याचार किया जाए। इसलिए जहाँ इसकी कोई ज़रूरत नहीं है,  अनावश्यक रूप से धर्म को नहीं लाना चाहिए। जहां जरूरत हो उसे सामने लाया जाना जरूरी है। मौजूदा बहस और सम्मान के नाम पर हत्या के खिलाफ सिंध विधानसभा में एक प्रस्ताव का पारित किया जाना कसास और दियत नियमों से संबंधित है।

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